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Introduction to Ayurveda
By Mr Pankaj
आयुर्वेद, पूरे भारत में इस रोगोपचार विधी की बहुत मान्यताहै. यह एक पुरानी पद्धति है जिसमे शरीर के विभिन्न रोगों का उपचार किया जाता है. आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति करीब 5000 वर्ष पहले भारत में उपयोग में लायी गयी थी। इस पद्धति को सभी उपचार पद्धति से श्रेष्ठ माना जाता है.
आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में किसी भीरोग केउपचार से पहले उसे रोका जाताहै।
आयुर्वेद का श्रेय धन्वंतरि को दिया जाता है, जो हिंदू पौराणिक कथाओं में देवताओं के चिकित्सक थे, जिन्होंने इसे ब्रह्मा से प्राप्त किया था। इसकी प्रारंभिकअवधारणाओं को वेदों के हिस्से में निर्धारित किया गया था जिसे अथर्ववेद के रूप में जाना जाता है। वैदिक चिकित्सा की अवधि लगभग 800 ईसा पूर्व तक चली। शब्द आयुर्वेद दो संस्कृत शब्दों ‘आयुष’ जिसका अर्थ जीवन है तथा ‘वेद’ जिसका अर्थ 'विज्ञान' है, से मिल कर बना है’ अतः इसका शाब्दिक अर्थ है 'जीवन का विज्ञान'।
आयुर्वेद के अनुसार मानव शरीर चार मूलतत्वों से निर्मितहै - दोष, धातु, मलऔरअग्नि।आयुर्वेद में शरीर की इन बुनियादी बातों का अत्यधिक महत्व है।इन्हें ‘मूलसिद्धांत’ या आयुर्वेदिक उपचार के बुनियादी सिद्धांत’ कहा जाताहै।
भारत में इस रोगोपचार विधी को और ज़न सुलभ करने के लिए भारत सरकार द्वारा आयुष मंत्रालय का गठन किया गया था, आयुष मंत्रालय का गठन चिकित्सा की पारंपरिक भारतीय प्रणालियों के गहन ज्ञान को पुनर्जीवित करने और स्वास्थ्य के आयुष प्रणालियों के इष्टतम विकास और प्रसार को सुनिश्चित करने की दृष्टिसे किया गयाl इससे पहले, भारतीय चिकित्सा पद्धतिऔरहोम्योपैथीविभाग (ISM&H) कागठन 1995 में किया गया , जो सभी पद्यतियों के विकास के लिए काम करतीहै।आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी के क्षेत्रों में शिक्षाऔरअनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करने केसाथ इसका नाम बदल कर नवंबर 2003 में आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी (आयुष) विभाग के रूप में किया गया था।
आयुष विभाग ने पूरे देश के विभिन्न राज्यों में आयुर्वेदिक औरयूनानी, Homeopathic शिक्षा के लिये कई शिक्षा संस्थान शुरू किये हैं।Corona virus pandemic के समय सभी राज्यों मैं आयुष विभाग ने आयुर्वेदिक दवाई और काढा घर घर पहुँचाया है।
आयुष विभाग और CDRI के सहयोग से Diabetes के लिए BGR 34 और अन्य दवाई विकसित की है. ये दवाईयां आयुर्वेदिक जडी बूटियों के सम्मिश्रण से तैयार करी गई हैं। कई वर्षों तक प्रयोगकरने के बाद इन दवाओं को बाजार मे उतारा गया है।
इस तरह से आयुष विभाग ने आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को जन सुलभ किया है।
Author ; Mr Pankaj Bhatnagar. has a huge experience behind him, having spent almost 40 years in the Food and Agriculture Industry. He has served the industry for such a long period that he is well aware of its nitty gritties and the problems/challenges that Indian agriculture and the farmers face, consequently he is able to provide a Holistic view of the various aspects that have an impact on Indian agriculture and Food industry.
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