विश्व इतिहास के पन्ने पलिटिये और आपको कई उधारण मिल जाएंगे जहाँ धर्म मे अंधे हो कर लोगों ने नर संघार
किये और ज़ुल्म ढाये , हमने भारत मे भी देखा ; पार्टीशन के दौरान , जातीय दंगों के दौरान, भागलपुर मे, मेरठ मे ,
गुजरात मे , गोधरा मे , कश्मीर मे, गौ रक्षकों द्वारा इत्यादि इत्यादि , पर फिर भी हमें समझ नहीं आता.
हम फिर भी इन धर्म के ठेकेदारों के फेर मे आकर अंधे हो जाते हैं और राक्षसों जैसा व्हयवार करने लगते हैं.
ऐसा धर्म किस काम का जो इंसान को राक्षस बना दे।
धर्म मे अंधे हो कर हम जेल से सजा काटने के बाद निकले हुए बलात्कारियों का स्वागत करते हैं, अपने ही लोगों का तिरस्कार करने लगते हैं , अपनों के ही दुश्मन हो जाते हैं.
बस यही हो रहा है मनिपुर मे , धर्म घुस गया और लोग अंधे और राक्षस हो गए.
अभी भी वक़्त है , इन धर्म के ठेकेदारों को निकाल दो, वरना यह पूरे हिंदुस्तान मे यही आग लगाएंगे।
बहाने इनके पास हमेशा रहेंगे ;गांधीजी ने कराया , नेहरू ने कराया, ILLEGAL IMMIGRANTS करा रहे हैं, ISI करा रहा है, देश के दुश्मन करा रहे हैं, अर्बन नक्सालिटेस करा रहे हैं , जो हिन्दू धर्म के खिलाफ हैं वह करा रहे हैं, जो देश की तरक़्क़ी से जल रहे हैं वह करा रहे हैं....
असल मुद्दा यही है की जो दूसरों को दोषी ठैरा रहे हैं वही स्पार्क लगा रहे हैं. और पूरा समाज धर्म के नाम पर विदुषित हो हो गया है.
और कहीं ऐसा न हो जाए की जब तक हम REALISE करें की स्पार्क कौन लगा रहा है तब तक वह स्पार्क आग बन जाए , बहुत देर हो जायेगी , जो बड़ी मुश्किल से हज़ारों वर्षों के बाद एक यूनाइटेड भारत मिला था 1947 मे वह भी हाथ से निकल जाए.
चीन और पाकिस्तान सब देख रहे हैं !